लंदन। अभी तक लगातार अजेय रहने वाले भारतीय मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अपना अगला पेशेवर मुकाबला अगले साल कॉमनवेल्थ सुपर मिडिलवेट चैंपियन रॉकी फील्डिंग से लड़ेंगे। यह ब्रिटिश मुक्केबाज 30 मार्च को विजेंद्र के खिलाफ ब्रिटेन में अपना खिताब बचाने उतरेंगे।
फील्डिंग ने पिछले 30 सितंबर को लीवरपूल में डेविड ब्रॉफी को मात देकर यह बेल्ट जीती थी। दूसरी ओर 31 वर्षीय विजेंद्र पेशेवर मुक्केबाज बनने के बाद से लगातार नौ मुकाबले जीत चुके हैं। दोनों के बीच इस मुकाबले के नियम एवं शर्तों की घोषणा अगले कुछ महीनों में की जाएंगी। फील्डिंग हालांकि डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक और ऑरियंटल सुपर मिडलवेट चैंपियन विजेंद्र से कहीं ज्यादा अनुभवी हैं। विजेंद्र ने अगस्त में चीन के जुल्पिकार मैमत अली को दस राउंड के मुकाबले में मात देकर अपना डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक सुपर मिडिलवेट खिताब बरकरार रखने के साथ ही जुल्पिकार से उनका डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मिडिलवेट खिताब भी छीन लिया था। उसके बाद से वह पहली बार रिंग में उतरेंगे।
फील्डिंग ने पिछले 30 सितंबर को लीवरपूल में डेविड ब्रॉफी को मात देकर यह बेल्ट जीती थी। दूसरी ओर 31 वर्षीय विजेंद्र पेशेवर मुक्केबाज बनने के बाद से लगातार नौ मुकाबले जीत चुके हैं। दोनों के बीच इस मुकाबले के नियम एवं शर्तों की घोषणा अगले कुछ महीनों में की जाएंगी। फील्डिंग हालांकि डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक और ऑरियंटल सुपर मिडलवेट चैंपियन विजेंद्र से कहीं ज्यादा अनुभवी हैं। विजेंद्र ने अगस्त में चीन के जुल्पिकार मैमत अली को दस राउंड के मुकाबले में मात देकर अपना डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक सुपर मिडिलवेट खिताब बरकरार रखने के साथ ही जुल्पिकार से उनका डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मिडिलवेट खिताब भी छीन लिया था। उसके बाद से वह पहली बार रिंग में उतरेंगे।
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