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शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

हमने नीरो पाला है।


         महेश राठी 

हमने नीरो पाला है
इतराता हुआ 
इठलाता हुआ
फोटो खिंचवाता हुआ।

हमने नीरो पाला है
बांसुरी बजाता
हैट लगाता
नये मुखौटे बनवाता
हर बार खुद पर ही 
अभिभूत हो जाता। 

हमने नीरो पाला है
कम तोलता
ज्यादा बोलता
जनता की दौलत पर 
लालच में डोलता
यारो के लिए खजाने खोलता

हमने नीरो पाला है
मजदूरों को हडकाता
किसानों को लडवाता
जवानों को मरवाता
हमने नीरो पाला है।

हमने नीरो पाला है 
लाशों पर पटाखे फुड़वाता 
दिये जलवाता हुआ 
महामारी पर जश्न मनवाता हुआ 
हमने नीरो पाला  है 

हमने नीरो पाला है 
मौत की आहट पर 
तालियां पिटवाता हुआ 
थालियां बजवाता हुआ 
हमने नीरो पाला है 

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