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गुरुवार, 23 सितंबर 2010

इन्द्रधनुष की मार

इन्द्रधनुष की मार

उन उखड़ी हुई सांसों का,
कुछ तो पता दें !
औंधें मुहं ट्रेक पर पड़े,
रेस में हारे
एथलीट की धौकनी!
ताज़ा दम चुनाव हारे
राजनेता के
फुले फेफड़ों की घरघराहट !
या फिर
आबरू लूटे
बिस्तर के सिलवटों की
मर्माहत चीत्कार !
कौडिओं के दाम
बेटी को बेच चुकी
भूखी माँ की
बेदम सिसकियाँ !
नहीं,
ये चाँद से सहमी
उजालों से डरी
फूटपाथ पर बिखरी
बेचैन सांसें हैं !
जो उखड़ी हैं,
बरसात की सीलन से
और
इन्द्रधनुष की मार से !

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