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गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

अलीबाबा चालीस चोर की नई कहानी

    बेहद अक्लमंद अलीबाबा जंगल पहाड़ और गुफाओं की खाक छानता घूम रहा है, उसके पास खुल जा सिम सिम का राज भी है और उसे ये भी पता है कि किस गुफा मैं लूट का खजाना पड़ा है ! मगर गुफा का दरवाजा है कि उसके लाख  खुल जा सिम सिम कहते जाने से भी नहीं खुल रहा है ! किसी दौर का बेहद अक्लमंद अलीबाबा आज सबसे नादाँ नज़र आता है ! वो लाख सिम सिम चिल्लाता है और नाकाम होने पर गुफा के ऊपर बैठे साधू के सामने फरियाद करते हुए साहयता की गुहार लगता है ! मगर साधू है कि मोनी बाबा बना बैठा है तस से मस ही नहीं होता है ना कोई साहयता करता है ! अब अलीबाबा का नित्य कर्म हो गया है उस गुफा के ऊपर बैठे साधू के सामने चोरो के ठिकाने को ढूंढने में साहयता की फरियाद लगने का और लुटे हुए खजाने को ढूंढ़ कर वापस लाने का ! हालाँकि इसमें एक बदलाव आ गया है अब नादाँ अलीबाबा को इतनी अक्ल आ गयी है कि वह गुफा के सामने खड़ा होकर रोज़ जोर जोर से खुल जा सिम सिम नहीं चिल्लाता है ! आज कल अलीबाबा साधू के सामने खड़ा हो कर फरियाद करने के बाद जब शहर वापस लोटता है तो लोग उसे ही निकम्मा और कामचोर कहने लगे हैं ! अलीबाबा कि मासूमियत भी कमाल है उसे आज तक ये बात समझ नहीं आई ये साधू चालीस चोरों की  गुफा के ऊपर ही क्यों तपस्या कर रहा है ! अब वो तो बेचारा इमेज के फेर में फंसा है ! उसे तो यही लगता है कि साधू तो वैरागी भगवान भक्त होता है उसे दीन दुनिया से क्या लेना देना ! वो इस भेद को भी आज तक नहीं जान पाया कि ये चालीस चोर बिना सरदार के क्यूँ हैं और इनका सरदार कहाँ गया अलीबाबा का यकीं तो गुफा पर डेरा जमाए विश्व विख्यात विद्वान् साधू बाबा पर है क्योंकि उसका नाम दुनिया में चारो तरफ है ! अब इस नादाँ अलीबाबा की मुश्किलों का हल आप ही करें साधू गुफा पर क्यूँ बैठा है, चालीस चोरो का सरदार कहाँ है, साधू अलीबाबा कि साहयता क्यों नहीं कर रहा है ! कृपया आप ही नादाँ अलीबाबा को राह सुझाएँ और कहानी को भी उसके अंत तक पंहुचाए !

3 टिप्‍पणियां:

  1. In the name of Allah, most gracious, most Merciful.

    Moni sadhu baba jab duniya kee khush haali ke liye Ishwar ke bhakti mein Leen tha. To wo Iswar se Prayer kar raha tha kee Alibaba jo kafee waqt se aam janta ka Paisa gufa se lekar kar aapna jeewan guzar raha hi. ye ab appne es gunaah ko ab gunaah nahee samaj raha hi, esliye ab waqt aa gaya hi muje meree bhakti ke vardaan ke badle ye Luta Paisa mere hawale kar de takee mein es paise ko janta ke hawale kar sakoo.ISWAR sadhu kee bhakti se Khush hokar us kee ye prayer accept kar lete hi aur ALIBABA ke Loss ko Sadhu ke liye Profit mein convert kar dete hi, Es ke baad wo Nadaan Alibaba apnee Sudh Bodh khokar gufa ka sahee darwzaa chod kar Sadhu ke Chakkar mein aa jata hi es wajah se sadhu ka kaam aur asaan ho jata hi ab Alibaba
    Lute chodkar sadhu ka tareeka aapna leta hi aur sadhu se fariyaad karta jaise Sadhu ISWAR se fariyaad karta hi rehta hi lekeen ab sadhu ISwar kee bhakti min leen hone Naatak karta hi
    takee alibaba logo ko lutana band kare aur shaher ke log bhee ab aapna sab kaam chod kar ISWAR ka saat dete hi aur Alibaba ko uksattein hi takee wo roz roz wahi sadhu ke chakkar mein
    naachta rehe.Raha ALIBABA KA Problem ka solution to sadhu baba ne us ko bhee AB ISWAR ka Pujari bana diya hi ab Wo Alibaba Sadhu baba kee jagah par hi aur sadhu Alibaba kee jagah par hi...THE HAPPY ENDING

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  2. कहानी अच्छी है। अली बाबा साधू के पास केसे पहुँच गया । वह तो गैर हिंदी मुल्क का है । साधू ही होगा सरदार खुद बेथ गया साधू बनके औरों से लुत्वाता है । सब ब्लोब्गों पर जहाँ राजनेतिक बहस के सिवा कुछ नहीं है वही आपके ब्लॉग पर आकर मज़ा अगया । लिखते रहो भय्या ।word verification हटा दोगे तो शायद ज्यादा comment मिलेंगी ।मेरा ब्लॉग :: मिनिस्टर का लड़का फ़ैल हो गया क्या वह उसे गोली मार देगा ब्लॉग पढ़ें और टिपण्णी भी करें

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