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सोमवार, 15 अगस्त 2016

कश्मीर

                             -  महेश राठी 
तुम घर से जाओ
कभी लौटकर ना आओ,
तुम घर से जाओ
बेआबरू वापस आओ,
तुम घर से जाओ
कफन में लिपट कर आओ
तुम घर से जाओ
सड़क पर चीथड़े चीथड़े हुई लाश हो जाओ
तुम घर से जाओ
हमेशा के लिए गुमनामी का पोस्टर हो जाओ,
तुम घर से जाओ,
ताउम्र की टीस बन जाओ,
सच
जब बंदूक लोकतंत्र को हांकती है
तो कश्मीर बनाती है-----

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