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मंगलवार, 7 नवंबर 2017

गुजरात चुनाव: भाजपा की नाव मझधार में

महेश राठी
जैसे जैसे गुजरात चुनाव का समय नजदीक आ रहा है गुजरात भाजपा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं ! नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी मानो भाजपा के गले की फांस बनता जा रहा है! हालत यह हो गयी है की भाजपा का गढ़ माने जाने वाले गुजरात में अब भाजपा के कार्यकर्त्ता भी भारी संख्या में पार्टी से इस्तीफा देकर २२ सालों तक गुजरात में राज करने वाली भाजपा से मुँह मोड़ रहे हैं ! गुजरात चुनाव के ठीक पहले ही भाजपा के कार्यकर्ता भारी संख्या में पार्टी छोड़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात भाजपा के 14,500 कार्यकताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
गुजरात के बोटाड जिले से 14,500 कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। ध्यान रहे कि भाजपा बोटाड जिला के स्थानीय ऐग्रिकल्चरल प्रड्यूस मार्केट कमिटी (एपीएमसी) का चुनाव बुरी तरह हार गई थी। बोटाड एपीएमसी पर भाजपा  का पिछले 10 सालों से कब्जा था लेकिन 2017 में हुए चुनाव में भाजपा को मुँह की खानी पड़ी और उसने यहां अपनी आठों सीटें गंवा दी थी। अचानक 14,500 कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने का असर आगामी चुनाव पर देखने को मिल सकता है।
भाजपा को यह झटका ऐसे समय में लगा जब भाजपा पहले ही काफी संकट झेल रही थी ! इससे पहले पार्टी के परम्परागत वोटर रहे सूरत के ७५ हजार व्यापारियों ने पार्टी से मुँह मोड़ लिया था ! देश मे जीएसटी को लागू हुए एक सप्ताह भी नही हुआ था कि गुजरात जोकि पीएम का गृह राज्य है वही पर जीएसटी के विरोध मे 75000 व्यापारियो ने भाजपा से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था! भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध मे इस्तीफा देकर भाजपा को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया था। हालाँकि सूरत के नाराज व्यापारियों को समझने और उनकी नाराजगी दूर करने सूरत भाजपा के अध्यक्ष नितिन भजियावाला ने जीएसटी विरोध संघर्ष समिति के नेताओ से मुलाक़ात भी की परन्तु उस मुलाक़ात से भी कोई नतीजा नहीं निकला! माना जाता है कि व्यापारियों की नाराजगी दूर करने के लिए ही पीएम मोदी ने वादा किया था की जीएसटी दाखिल करने वाले व्यापारियों का कोई पुराना हिसाब जांचा नहीं जायेगा ! मगर जान पड़ता है कि गुजरात के व्यापारियों को अब मोदी की किसी बात का विश्वास नहीं रहा है ! व्यापारियों की नाराजगी का अंदाजा जुलाई में मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे व्यापारियों की संख्या  देखकर ही लगाया जा सकता था ! सूरत में कभी भी सड़कों पर इतनी भारी संख्या में व्यापारी देखे नहीं गए थे यह विरोध ऐतिहासिक था ! 

जीएसटी के हमले के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ सूरत की सड़कों  पर उतरा जनसैलाब 

जिस प्रकार पहले सूरत के व्यापारियों ने और अब बोटाड  के भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा से किनारा किया है उससे लगता है कि गुजरात के काफी लोगो को अब भाजपा की नैय्या डूबती नजर आ रही है! 

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