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शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

राफेल डील सीधे दलाली का मामला, नही बचेंगे मोदी

महेश राठी 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर से निशाना साधा है। अबकी बार राहुल गांधी ने पीएम मोदी को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि राफेल का मामला सीधे सीधे दलाली का है और यदि इस मामले की जांच होती है तो मोदी को कोई नही बचा सकता है। 

राहुल गांधी ने राफेल में अनिल अंबानी को फ्रांसिसी कंपनी दासाॅ द्वारा 285 करोड दिये जाने और उसके बाद अंबानी द्वारा डिफेंस कंपनी बनाये जाने पर भी सवाल खडे किये हैं। उन्होंने सीधे तौर अंबानी को घेरते हुए कहा कि लगातार घाटा झेल रहे अंबानी को फायदा देने के लिए ही सरकारी कंपनी एचएएल को सौदे से बाहर किया था। ध्यान रहे कि एचएएल पिछले 70 सालों से रक्षा क्षेत्र की देश की सबसे प्रतिष्ठित और गौरवशाली इतिहास बनाने वाली कंपनी है। एचएएल ने मिग 27, मिग 21, जगुआर, सुखोई जैसे विमान और सेना के लिए असंख्य हैलीकाप्टरों से लेकर विभिन्न प्रकार के रक्षा उपकरण तैयार किये हैं। जबकि दूसरी तरफ अनिल अंबानी को रक्षा क्षेत्र का कोई अनुभव नही है और राफेल डील होने से महज 12 दिन पहले ही उनकी डिफेंस कंपनी वजूद में आयी थी। 

इसके अलावा राफेल डील को लेकर सरकार के विभिन्न मंत्रियों और नौकरशाहों के बयान भी इस पर सवाल खडे करते रहे हैं। मोदी के राफेल डील करने के लिए फ्रांस जाने के दो दिन पहले ही भारत के विदेश सचिव ने बयान दिया था कि राफेल सौदा पुरानी शर्तों और एचएएल के साथ ही होगा। इसके अलावा एक सवाल के जवाब में उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने भी साफ शब्दों में कहा था कि राफेल डील मि. मोदी ने ही की है। इसके अलावा एक आश्चर्यजनक बयान पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व रक्षा मंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह ने भी दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि राफेल डील के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि इसमें और मनोहर पार्रिकर की गंभीर बीमारी में कोई संबंध जरूर है। 

अब जबकि राहुल गांधी ने मोदी और अनिल अंबानी के संबंधों और राफेल डील पर सवाल उठाये हैं और कहा है कि यदि जांच होगी तो मोदी बच नही सकते हैं तो इससे अनिल अंबानी के कारोबार से लेकर अब रक्षा सौदे में डील और मोदी की भूमिका फिर से संदेह के घेरे में आ चुकी है। 

अनिल अंबानी का डूबता कारोबार


अनिल अंबानी पिछले कुछ सालों से अपने अधिकतर कारोबार में घाटे का सामना कर रहे हैं। एक जमाने में वह देश के शीर्ष अमीरों में शुमार होते थे। यहां तक कि वह अपने भाई के साथ देश के सबसे अमीरों में दूसरे पायदान पर भी रहे हैं। परंतु पिछले कुछ दिनों की फोब्र्स द्वारा जारी की गई देश के शीर्ष अमीरों की सूची पर निगाह डालें तो अनिल अंबानी की बदतर होती हालत को समझा जा सकता है। साल 2014 में अनिल अंबानी देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में 13वें पायदान पर खडे थे तो वहीं 2015 में वह इसमें नीचे गिरकर 29वें स्थान पर चले गये थे। उनके नीचे जाने का यह क्रम यहीं रूका नही बल्कि लगातार चलता ही रहा है। 2016 में अनिल अंबानी फोब्र्स की सूची में 32वें स्थान पर चले गये तो वहीं 2017 में वह खिसककर 45वें स्थान पर जा चुके थे। और 2018 में वह इस सूची में राफेल के बावजूद 68वें स्थान पर हैं। देश के शीर्ष अमीरों में से एक का यह हाल स्वयं ही उनके कारोबारी हालात और डूबते कैरियर का गवाह है। इस डूब से निकलने के लिए अनिल अंबानी ने मोदी के साथ गठजोड करके संभवत इस डूबते कैरियर को संभालने की कोशिश में यह राफेल डील कर डाली होगी जो आज उनके लिए जीवन का सबस बड़ा सरदर्द बनी हुई है। 

हालांकि अंबानी ने यह डील बेवजह नही की है। मोदी की संगत और कृपा से अमीर होने का एक उदाहरण होने जरूर देखा होगा जिससे उन्हें मोदी की शरण में जाने की प्रेरणा मिली होगी। यह उदाहरण है बाबा रामदेव के सखा आचार्य बालकृष्ण का। यदि आप 2014 के देश के सौ सबसे अमीरों की सूची देखें तो आप पायेंगे की उसमें आचार्य बालकृष्ण जैसे किसी शख्स का जिक्र तक नही है। बल्कि उस समय तक उन पर कर चोरी से लेकर विभिन्न प्रकार की आर्थिक अनियमिततओं एवं दो पासपोर्ट रखने आदि के 80 से अधिक मामले विचाराधीन थे। परंतु 2014 में मोदी के सता में आने के बाद उन पर चल रहे लगभग सभी मामले खत्म हो गये और आचार्य बालकृष्ण नामक यह सज्जन देश के सौ अमीरों की सूची में 48वें पायदान पर खडे नजर आने लगे और उनके अमीर होने का यह सिलसिला यहीं नही रूका बल्कि 2017 में वह 19वें देश के सबसे अमीर आदमी बन गये थे। कल तक विभिन्न अपराधिक और गैर अपराधिक मामलों में फंसे हुए और सन्यास ले चुके हरिद्वार के दो लोगों की कामयाबी के सफर और उसमें मोदी एंगल ने जरूर ही अंबानी को प्रभावित किया होगा और वह घाटे से उबरने के लिए राफेल डील के मुकाम तक पहुंच गये। 

आज जब राहुल गांधी राफेल को लेकर सीधे मोदी और अंबानी पर निशाना साध रहे हैं और चुनौती दे रहे हैं कि उन्हें कोई नही बचा सकता है तो जाहिर है कि देश की जनता अंबानी के कारोबारी संकट और उससे निकलने के मोदी एंगल और रामदेव और बालकृष्ण की कामयाबी और उसमें मोदी एंगल पर अवश्य ही विचार करना चाहेगी। 

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