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बुधवार, 17 नवंबर 2010

एकजुट हो और बाँटो

सत्ताधीशो की लूट का पुराना सिद्धांत बाँटो और राज करो अब पुराना पड़ चुका है, आज की लूट के सत्ताधीशो और सिद्धान्तकारों का नया नियम है एकजूट हो और बाँटो, unite and devide ! यह देश , संसाधनों और आम आदमी की लूट का नया नियम है !
        लूट के कारोबार का यह नज़ारा चारो और दिखाई देता है , आदिवासियों के  जल, जंगल और जमीन से लेकर गाँव के किसान की मेहनत , शहरी मजदूर के पसीने तक सभी लूटेरों की इस एकजूटता का शिकार हैं ! नित नए खुलते घोटालो पर विपक्ष शोर मचाता है परन्तु अपने गुनाहों को ख़ूबसूरत कालीनो के नीचे ढक कर अपने आप को पाक साफ दिखाता है ! एकता और विरोध की यह संतुलित कदमताल कार्पोरेट लूट के नए बेले की तरह है जिसको भारतीय राजनीति की मुख्यधारा लयबद्ध कर रही है ! लूट के इस आधुनिक हाईटेक तंत्र में राजनेताओं , नौकरशाहों और देशी एवं विदेशी पूंजीपतियों की गजब एकता है ! इस एकता में बेहद नियंत्रित शोर है और हद दर्जे की शातिर ख़ामोशी भी ! अब देखिये भाजपा कांग्रेस के हर घोटाले पर अपने विपक्षी धर्म के अनुरूप शोर मचाती है मगर जैसे ही घोटाले कर्नाटक में दाखिल होते हैं भाजपा का विपक्षी धर्म खामोश हो जाता है ! भाजपा की ख़ामोशी तो सत्ता की खमोशी है मगर खदान माफिया रेड्डी बंधुओ के आंध्र कनेक्शन पर कांग्रेस के मुंह पर भी ताला है और सबसे अजब देश में अलग राजनीति के युवराज की चुप्पी है शायद उनकी नई राजनीति में भ्रष्टाचार वो भी अपना भ्रष्टाचार कानूनी सहमती प्राप्त गतिविधि है ! खेल घोटाले पर संसद ना चलने देने वाली पार्टी को अपने उन नेताओ की कोई फ़िक्र नहीं जो दशको से विभिन्न खेल संघो पर कुंडली मारे बैठे हैं और खेल आयोजन का हिस्सा भी रहे हैं !
अब दिल्ली के नए इमारत हादसे में मारे गए लोगो की मौत पर शोर और ख़ामोशी का यही नाटक शुरू हो गया है ! भाजपा की एमसीडी के कार्यक्षेत्र में मारे गए ६७ लोगो पर कांग्रेस दबी दबी मुस्कुराहट के पीछे के रहस्य को आसानी से समझा जा सकता है ! लम्बे अरसे के बाद विपक्ष को कसने का मौका मिला है अभी तक बेकफुट पर खड़ी कांग्रेस यह भी भूल गई है कि इस इमारत में रहने वाले बंगाल और बिहार के रोज़ कमाने खाने वाले गरीब लोग थे जिनको सरकार ने बगैर किसी कारगर नीति के यमुना पुश्ते से उजाड़ कर चालीस किलोमीटर दूर फेंक दिया जहाँ ना कोई रोज़गार था और ना कोई करने के लिए कारोबार था ! जिस कारण रोज़गार के लिए उजड़ी बस्ती के वाशिंदों ने यही रह कर जिन्दगी चलाने का फैसला किया ! यही शहर को खुबसूरत बनाने का जनून इनको अमृत सिंह के मौत के पिजरे में लेकर आया जहाँ एक कमरे में पन्द्रह तक आदमी एक साथ रहते थे ! अमृत सिंह जहाँ अपने गैर कानूनी काम यानि अवैध निर्माण के लिए एमसीडी के भ्रष्टाचार का फायदा उठता था वहीँ उसकी लगातार अशोक वालिया से भी होती थी क्योंकि अमृत सिंह ने साफ कहा है कि उन्होंने वालिया को इमारत के बारे में पहले ही बता दिया था यानि उनकी लगातार मुलाकाते मंत्री जी से होती थी ! यही शहर के दो बड़े दलों की राजनीति  है शहर के छोटे ठेकेदार से लेकर बड़े कार्पोरेट तक हर लूटेरा अपना ! यही है एकजूट हो कर बाँटने का सिद्धांत जिसमे लाशो की भीड़ और कफ़न की गिनती में भी मुनाफे का कारोबार चलता है पूरी एकता और खूब ऊँची आवाज़ में विरोध के साथ !
एकता और बाँटने का यह नियम छतीशगढ और झारखण्ड के आदिवासी इलाको में व् सभी आदिवासी इलाकों में दिखाई देता है जहाँ आदिवासियों की जल जंगल जमीन छिनने में  देश के लगभग सभी राजनीतिक  दल  कार्पोरेट  सेक्टर के साथ खड़े हैं ! एकजूट हो कर और भरपूर शोर के साथ एक दुसरे का विरोध करते हुए भी ! एकता का एक ओर रूप भाजपा और कांग्रेस मओवादिओं के बारे में राय जाहिर करते हुए दिखला रहे हैं ! आजकल दोनों का कहना है कि माओवादी  देश के लिए आतंकवादियों से भी हानिकारक हैं ! मैं माओवादियों का कभी समर्थक नहीं हूँ मगर देश को बाँटने की लड़ाई करने वालो से बढ़कर व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वालो को माना जा सकता है ! यही है लूटने वालो के पक्ष में खड़ा होने की और एकजूटता दिखाने की राजनीति ! एकजूटता ओर बाँटने का यह नियम आज देश के हर हिस्से में काम करता है कश्मीर से कन्याकुमारी तक ओर सुविधा भोगी नौकरशाही के हर पद से लेकर पूंजीवादी राजनीति के हर हिस्से तक वैसे भी लोगो को समझ लेना चाहिए चालीस चोरो का सरदार कभी भी सत्संगी महात्मा नहीं होता है वो चालीस चोरो से भी बड़ा गुनाहगार होता है और पाखंडी भी !

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