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बुधवार, 3 अगस्त 2011

ईमानदारी की नई परिभाषा मनमोहन सिंह

इमानदारी की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं मनमोहन सिंह! उनकी सहमति से २ जी हुआ ! कामनवेल्थ में भी उन्ही की हाँ थी ! नोटों से सांसद खरीदकर सरकार बचने में उनके जितनी ख़ुशी भी किसी को नहीं हुई थी! अब नए रक्षा घोअतले का खुलासा कैग ने किया जिसमे एक हजार करोड़ के गबन का आरोप है ! कामनवेल्थ घोटाले में भी नए खुलासे हो रहे है दिल्ली सरकार की भूमिका पर उँगलियाँ उठ रही हैं ! मनमोहन सिंह खामोश है उनकी इमानदारी चुप है !शायद नोटों से सरकार बचाकर उनकी नैतिकता शतुरमुर्ग की तरह धरती में सर गढ़कर अंधी हो गयी है या कही और गिरवी पड़ी है !

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