आम आदमी का सवाल !
आम आदमी का सवाल ,
उन सवालों पर है,
जो खुद के सवालों पर खामोश है !
सवाल उन हिसाबो का है ,
जिन पर अब भी पर्दा है !
सवाल है,
उन दर्द भरी दस्तानो का
जो दब गई
न्याय के रेशमी नारे के बोझ से
सवाल कई है
मानो तो चैरिटी की फीस का,
भोग के विरोध का,
योग के दाम का,
भ्रष्टाचार से लड़ने
और हर समाज सेवा के लिए
मिलने वाले मोटे वेतन का
मगर फिर भी आम आदमी का,
सवाल एक एक है,
जो सबके सवालों के लिए लड़ते है !
वो अपने सवालों से क्यों डरते है !!
आम आदमी का सवाल ,
उन सवालों पर है,
जो खुद के सवालों पर खामोश है !
सवाल उन हिसाबो का है ,
जिन पर अब भी पर्दा है !
सवाल है,
उन दर्द भरी दस्तानो का
जो दब गई
न्याय के रेशमी नारे के बोझ से
सवाल कई है
मानो तो चैरिटी की फीस का,
भोग के विरोध का,
योग के दाम का,
भ्रष्टाचार से लड़ने
और हर समाज सेवा के लिए
मिलने वाले मोटे वेतन का
मगर फिर भी आम आदमी का,
सवाल एक एक है,
जो सबके सवालों के लिए लड़ते है !
वो अपने सवालों से क्यों डरते है !!
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