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सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

गोडसे फिर से जिन्दा हो गया है!

                     -महेश राठी
बापू,
गोडसे फिर से जिन्दा हो गया है
गद्दी पर बैठे
अपने चेलों की उंगुली थाम
अब वो घूम रहा है,
गली-गली, गांव-गांव, बस्ती-बस्ती,
अभी-अभी
उसने कामरेड पानसरे को मार डाला!
तुम्हारे लिए लड़ते हुए
पानसरे का कत्ल हो गया,
पानसरे का क्या गुनाह था ?
पानसरे ने विरोध किया था तुम्हारे कत्ल का,
उन्होंने दुत्कारा था
तुम्हारे कातिलों को,
गोडसे की घृणा की विरासत को !

बापू,
हम शर्मिंदा थे,
तेरे कातिल जिन्दा थे।
मगर, अब
हम डरे हुए हैं,
सहमें हुए हैं!
गोडसे तुम्हे फिर मारेगा !

बापू,
अबकी बार
हर शहर, हर गांव, हर बस्ती, हर गली में
तुम्हारा कत्ल किया जाएगा !
बापू,
गोडसे आ रहा है,
वे तुम्हे मार डालेगा
राजघाट से बाहर घसीटकर!

गोडसे फिर से जिन्दा हो गया है,
बापू !  

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