कोरोना वायरस की महामारी दुनिया भर को दहशत से भर रही है, दुनिया में कोरोना के बढते मामले दुनिया में सभी की चिंता का कारण बन रहे हैं। कोरोना का इलाज ढूंढने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं। दुनिया में बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है। कोरोना के लेकर बरती जा रही सावधानियों में सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे अहम माना जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ है सामाजिक दूरी बनाना। इसी सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के लिए 31 मार्च तक शिक्षण संस्थान बंद रखने सहित धर्म, कारोबार, यात्राओं आदि को स्थगति रखने और देश के पैमाने पर लाॅकडाउन के निर्देश सरकार ने जारी किये है। हालांकि ऐसा करने में कुछ देरी भी हो चुकी है फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग एक ऐसा उपाय है जिससे हम काफी हद तक इस महामारी पर काबू पा सकते हैं। आइये, अब जानते हैं कि ये सोशल डिस्टेंसिंग क्या है? जिसके जरिए कोरोना वायरस को काबू में करने के बारे में कहा जा रहा है।
क्या है सोशल डिस्टेंसिंग?
सोशल डिस्टेंस का अर्थ है भीड़ में लोगों से दूरी बनाए रखना। इसके अलावा एक जगह एकत्रित होने से बचना। कोरोना से बचने के लिए दुनियाभर के स्वास्थ्य विभाग शुरू से ही भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की अपील कर रहे हैं। सामाजिक आयोजनों में लोगों की भीड़ होती है और सबकी स्क्रीनिंग यानी कि जांच करना मुश्किल होता है। ऐसे में भीड़ वाली जगह में संक्रमित व्यक्ति के पहुंचने से दूसरे लोगों को भी संक्रमण का डर बना रहता है।
भीड़ में यह पता लगाना मुश्किल होता है कि कौन बस, मेट्रो या ट्रेन से आ रहा है या फिर कहीं पहले से वह कहीं से संक्रमित होकर तो नहीं आ रहा? ऐसे में सोशल डिस्टेंस यानी सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहतर विकल्प है। हम सभी का दायित्व है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक करें। उन्हें बड़ी भीड़ जुटने के खतरे बताएं, जमा हुए लोगों में एक मीटर की दूरी सुनिश्चित करवाएं। सभी व्यावसायिक गतिविधियों में ग्राहकों के बीच एक मीटर की दूरी रखवाएं।
सार्वजनिक स्थलों पर है सोशल डिटेंसिंग का पालन करवाना
-सब्जी-अनाज मंडियों, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, आदि में जागरुकता अभियान चलाएं।
-ऑनलाइन या बाजार से सामान और सेवाओं की डिलीवरी देने वालों को संक्रमण से विशेष सुरक्षा दिलवाने के लिए विशेष प्रबंध किये जाएं।
-उन जगहों को लगातार साफ करवाएं, जहां लोग बार-बार हाथ लगाते हैं। खाने की टेबलों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी रखें। संभव हो तो खुले में बैठने की व्यवस्था करें।
-आम नागरिक पहले से तय शादियों में मेहमानों की संख्या सीमित करें।
-कोई सामाजिक या सांस्कृतिक आयोजन जरूरी नहीं हो तो आयोजन से बचे अन्यथा भागीदारी से बचें।
-खेल आयोजकों से क्षेत्रीय अधिकारी बात करें। भीड़ न जमा होने दें, संभव हो तो आयोजन टालें।
-सोशल डस्टिेंस को प्रभावी बनाने के लएि बहुत जरुरी है कि जहां तक हो सकें घर पर रहें। इससे कोरोना वायरस के खतरे को कम किया जा सकता है।
-वर्क फ्राम होम जैसी सुविधाओं के जरिए घर पर रहें और ट्रेवल कम करें।
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